हार रास आता नहीं जीत पास आता नहीं ख्वाबों के महफ़िल वाली लक्ष्य बिना जीना भी ख़ास भाता नहीं तो फिर आ.. जी लें हम, दो घड़ी., क्या हो कल, क्या पता?? आस फिर क्यों छोड़े ये हम
Trend chala hai mulyo ka Mulyo ka fir gehno ka Fir महंगे ये सामान कपड़ों का Kabhi baapu ko dekho Unki khadi dhoti ki Kimat unse समझी जाती है फिर क्यों हम महंगे trend per चले ऐसे भी 😆😆 हम तो हम ह…
सफलता की दूरी कम करना मतलब अपना level up करना फिर क्यों बढ़ती चुनौतियों से घबराना अक्सर बढ़ती सफलता चुनौतियों को भी बढ़ा देती है और ज़िन्दगी लक्ष्य के प्रति दृढ़ता की परीक्षाएं लेनी आरंभ कर देती …
Kisi k khwab adhure hain Kisi ka jasn adhura hain Koi chahat ka bhookha Koi lalach ka bhookha Ye duniya v ajib hai Kahin andhiyara gehra hai To kahin ujale ki tripti hi ehsaash nhi hoti
जब हमारी सोच हमारी होती है और फैसले अपने होते हैं तो तो हमारे होश और जोश दूसरों के उत्साह वर्धन का प्यासा क्यों होती है जो चन प्रेरणा से उत्साहित और एक बुराई से हतोत्साहि…
झूठा बनना आसान है कभी सत्यता पर तुम टिक कर तो देखो हिम्मत तोड़ना आसान है कभी हिम्मत टूटे का तुम बनकर तो देखो जीत का जश्न आसान है कभी निहसहाय का दूख जोहकर कर तो देखो लोग बुरे है तो क्या कभी अपनी ब…
#2 बढ़ती हुयी कदम मंजिल ढूंढ लाती है निरंतर बढ़ता चल तो मंजिल फ़तेह है ये विचार तो सस्ती थी जो पलभर में मिट जाती थी ये उच्च विचारे तो सस्ती रही जो पलभर में मिट जाती थी हमने तो है बढ़ना …
#12 जानते हो याद क्या होती है याद वो तड़प होती है जो कभी दोबारा घटित नहीं हो सकती याद वो प्रवाह होती है जो कभी गम तो अल्प सुकून वाली स्वप्न के प्रवाह में हमे ले डूबती है याद का रिश्ता ना टूटने …
#10 वे लोग भी महान होते है जो केवल अपने मतलब के लिए उंगली टेढ़ी करते है अपने द्वारा गधे समझें जाने वाले को बाप बना काम निकाल लेते हैं फिर उसी बाप को चोट की थाप मारने से नहीं चूक…
#11 कभी कभी जिंदगी भी इतनी लंबी यात्रा तय कर लेती है ना कि वापस आने की फुरसत ही नहीं मिलती फिर कहां वो यारी, कहां वो स्कूल कहां वो टीचर, कहां वो punishment सब कुछ अधूरा सा लगने लगता है कभी कभी …
#7 दुनिया वाले कभी उलाहना देते कभी देते ताने, तो कभी कर देते हंगामें तो क्यों इन्हें हम माने उन्हें नहीं चाहिए कोई बहाने बिन मुद्दों के ही आ जाऐ सुनाने नहीं कोई उनके पास सुधी रहे हमारे ये तो हम…
#8 जिस सोपान के सहारे गगन तक रह तय की उसी को अहं रूपी ठोकर से लात मात क्र गिरा दोगे तो स्वयं धरातल पर धराशाई न हो जाओगे
#9 कोई जल्दी नहीं हैं भला तुम क्युं तेज गाड़ी चलाते हो अपनी नहीं तो अपनों की तुम परवाह क्युं नहीं करते हो यातायात के नियमों का तुम क्युं उल्लंघन करते हो इतना भी बता दें मुझको तुम क्युं उन्हें स…
#5 किधर जाएं ऐसे धुंध भरी मौसम में जीवन के धुंध भरी राहों में कठिन हो रहा चलना, पड़ाव कहां रखुं भुवन में किधर जाएं ऐसे धुंध भरी मौसम में थर्रा रही कदम, डगमगा रहा पहिया हौसले का जकड़ रही ये धुंध…
#6 क्यों चैन नहीं मिलता दिल को जब भूल जाता सब गम फिर भी क्यों चैन नहीं मिलता दिल को करता अपना मनमानी फिर भी क्यों बन जाता तू कहर अपनों की जीत की जस्न मानता फिर छोटी खुशियों के गीत गुनगुनाता फ…
#3 बचपन के कुछ ख्वाब पड़े हैं आंखों में बचपन के कुछ सांस पड़े है सांसों में बचपन के कुछ आस पड़े हैं सपनों की बचपन के कुछ याद पड़े हैं अपनों की बचपन के कुछ भुल भी स्मरण हैं स…
#4 कर्तव्य निर्वाह में असमर्थता स्वार्थ, कमजोर अथवा अप्रेम का सुचक हैं
#2 किसके साथ गुजारे शाम अकेला हुं मैं इस दरमियान कोई हो यहां पर आम छोड़ कर अपने काम धाम गुजारे मेरे साथ ये शाम हम... किसके साथ गुजारे शाम आओ मित्रो साथ करें काम और लगाएं…
#47 जिस दिन हमारा भागना थम गया ना उसी दिन से जिंदगी की रेस में पिछड़ते चले जाएंगे फिर भी हम आगे निकलने की गुंजाइश और थकान कि शिकायत जुबां पर रखते हैं, अर्थात यहां हर कोई महत्वाकांक्षी है परन्तु…
#48 लोग क्या कहेंगे जिस दिन ये विचार हमारे जेहन से निकाल गया ना उसी दिन से हम अपने मन की करने लगेंगे और भीड़ के साथ फॉलोअर्स बनने के बजाय भीड़ से अलग होकर कुछ बड़ा करने लगेंगे
#46 अपनी नाकामी छुपाते क्यों हो दूसरों को जताने में लजाते क्यों हो सवालों के हल में कतराते क्यों हो पता नहीं तुझे हल सवालों का जो तेरे नाकामी ने न पाने दिया कुछ सवाल तो लोगों के लिए भी होते ह…
#45 कितनी बार कहा तुझसे जो तेरे बस का नहीं उसे नहीं आजमाने का तू जिस योग्य नहीं उस ओर नहीं बढ़ने का वक्त तेरी जाया होगी समय रहते संभल जाने का कितनी बार कहा तुझसे जोश के साथ होश खोना सही है फ…
#43 हर लम्हा कुछ खास होता है उसे अहमियत देना तो हमारे ही पास होता है फिर भी हम वक्त से यही शिकायत के बैठते है अच्छे वक़्त की आस लगाए बैठते है कि Apna time aayega अरे क्या हम ये क्यों नहीं समझते …
#44 विजयी धावक कभी finisher line tak पहुंचने से पहले हार नहीं मानता और बुलंद हौसले k saath धीरे धीरे सबसे आगे निकलता चला जाता है
#41 हिम्मत की आंकड़ा बड़ी करना कष्टों से निपटारा है तुम्हे करना चाहत का इशारा है करना इशारों का फिर गठन भी करना जीवन तो चार दिन की है यारों तो चाहत के इशारों का सम्मान करने से नहीं चूकना जो ठा…
#42 जोश अथवा जुनून में ऐसी ताकत है न जो असंतुलित मनुष्य को भी जीवन के खेल में विजयी बना देती है
#39 अनिद्रा वाली सपने पूरे करने का कभी आरंभ समय नहीं होता इसका तो प्राप्ति के बाद केवल अंत ही होता हैं बशर्ते वो सपने अनिद्रा वाली ही हो और और प्राप्ति की तड़प सोने नहीं दे, थकने नहीं दे, हारने न…
#40 'तड़प रही जीवन, तुझे हासिल करने को जिंदगी के कुछ देखे सपने हथियाने को चल रहे द्वंद अंतर्मन के परिणाम दिखलाने को बीते जख्मों पर सपने रुपी मलहम लगाने को अंधियारे जीवन में प्रकाश फैलाने को क…
#37 अगर टूट गये हो तो, बिखरो मत रास्ता बदलो वृक्ष की चंद शाखाएं सुख जाने से जड़ें नहीं कटती बस पत्ते के रास्ते नव शाखा का निर्माण करके अपना स्थान बदल देते हैं
#38 श्रम करने में शर्म लगने लगे तो समझ लेना अवनति का मार्ग प्रशस्त होना शुरू हो गया है
#36 जिस दिन स्वयं से जीत गये ना उस दिन आपको हराने वाला कोई दूजा नहीं बचेगा
#33 तुझे है सोना नहीं मौकाएं जंग पर तु रोना नहीं किश्मत को खोना नहीं दुश्मन को बोना नहीं हिम्मत हारना नहीं कर्तव्यों को टालना नहीं सपनों को भुलना नहीं दुर्जनों में घुलना नहीं जंग में थकना नहीं …
#34 प्रगति तो सिर्फ इच्छा और प्रयास मांगती हैं परिणाम तो इस बात पर निर्भर करता है कि हम उसे कितना प्रेम दे पाते हैं
#35 जिंदगी में एक बात हमेशा याद रखना ए दोस्त सपने वाली लक्ष्य के लिए बहुत संघर्ष करनी पड़ती है
#32 ऐसे समय में । तुम्हें हिम्मत रखनी होगी ।। जब परिस्थितियाँ तेरे बस में न होगी । ऐसे समय में संघर्षशील बननी होगी ।। जब कठिनाईयाँ सैंकड़ों आन पड़ेगी। तुम्हें वक्त से लड़नी होगी।। फिर एक दिन तु…
#30 राह तेरी है तो मेहनत तुझे ही करनी है अपने जीवन पर रहमत तुझे ही करनी है करना अपना नाम है तो अंजाम का फिकर क्यों करनी है चाहत का सफर तेरा दूरी तुझे ही तय करनी है जीवन में मधुरता हीं तो तुझे ल…
#31 सब्र कर कर्म भी किया कर श्रम कर लक्ष्य भी तय किया कर श्रमवान, निष्ठावान जिद्दी बन मंजिल को समय भी जाए थम चौपड़ खेल किताबों के संग लक्ष्य देख रह जाए सब दंग बिखेर दे किश्मत में रंग…
#28 आगे बढ़ने के लिए किताब और गलतियां दोनों पढ़नी आनी चाहिए
#29 हार से क्यों कतराओगे? स्मरण रहे कि तुम जितने बार हारोगे। जीत का जश्न भी उतनी ही शानदार होगी।। आगे बढ़ने के लिए किताब और गलतियां दोनों पढ़नी आनी चाहिए
#26 ना कामयाबी हमारे मान लेने भर से हे़ै रात में भी अपनी जगह जैसे दिन में चाँद है विषपान करके भी जीने की संघर्ष ही अमृत बन जाती है अमृत जैसा भोजन भी एक झुठ के विश्वास पर तन पर कहर बन जाता है उ…
#27 इँसान होना कुछ करने का हौंसला और कुछ पाने का जज्बा कभी मत खोना इँसान होना बुरे वक्त में हताश होकर किश्मत पर कभी न रोना तेरे लिए यही किश्मत वाली बात है कि तुम इँसान हो पशु नहीं, हैवान नहीं द…
#24 जिंदगी के दो रास्ते निकलते हैं एक जो आगे की ओर जाती है जहां आगे कहीं रुकावटों की खाई, कष्टों के सैलाब रूपी परीक्षा से गुजरना पड़ता है वहीं दुसरी राह पीछे की ओर जाती है जहां का वर्तमान तो सर…
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