#24
जिंदगी के दो रास्ते निकलते हैंएक जो आगे की ओर जाती हैजहां आगे कहीं रुकावटों कीखाई, कष्टों के सैलाब रूपी परीक्षा से गुजरना पड़ता हैवहीं दुसरी राह पीछे की ओर जाती हैजहां का वर्तमान तो सरल हैपरंतु प्रथम का मंजिल, जीत और परिस्थिति का शानदार संघर्ष की गाथा जीवन भर स्वयं को गौरान्वित करता रहता है दुसरे में निरसता, अंत अंधकारमयी तो होती हीं हैवरन् प्रथम मार्ग के राह के काटोंसे भी भयावह और अनिवारणीय हो जाता है
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