जिस दिन हमारा भागना थम गया नाउसी दिन से जिंदगी की रेस में पिछड़ते चले जाएंगेफिर भी हम आगे निकलने की गुंजाइश और थकान कि शिकायत जुबां पर रखते हैं,अर्थात यहां हर कोई महत्वाकांक्षी है परन्तु भाग्य तो उसी के साथ हो लेती है ना जो सच्चे और कर्मनिष्ठावान होते हैं
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