#3 बचपन के कुछ ख्वाब पड़े हैं आंखों में बचपन के कुछ सांस पड़े है सांसों में बचपन के कुछ आस पड़े हैं सपनों की बचपन के कुछ याद पड़े हैं अपनों की बचपन के कुछ भुल भी स्मरण हैं स…
#4 कर्तव्य निर्वाह में असमर्थता स्वार्थ, कमजोर अथवा अप्रेम का सुचक हैं
#2 किसके साथ गुजारे शाम अकेला हुं मैं इस दरमियान कोई हो यहां पर आम छोड़ कर अपने काम धाम गुजारे मेरे साथ ये शाम हम... किसके साथ गुजारे शाम आओ मित्रो साथ करें काम और लगाएं…
#47 जिस दिन हमारा भागना थम गया ना उसी दिन से जिंदगी की रेस में पिछड़ते चले जाएंगे फिर भी हम आगे निकलने की गुंजाइश और थकान कि शिकायत जुबां पर रखते हैं, अर्थात यहां हर कोई महत्वाकांक्षी है परन्तु…
#48 लोग क्या कहेंगे जिस दिन ये विचार हमारे जेहन से निकाल गया ना उसी दिन से हम अपने मन की करने लगेंगे और भीड़ के साथ फॉलोअर्स बनने के बजाय भीड़ से अलग होकर कुछ बड़ा करने लगेंगे
#46 अपनी नाकामी छुपाते क्यों हो दूसरों को जताने में लजाते क्यों हो सवालों के हल में कतराते क्यों हो पता नहीं तुझे हल सवालों का जो तेरे नाकामी ने न पाने दिया कुछ सवाल तो लोगों के लिए भी होते ह…
#45 कितनी बार कहा तुझसे जो तेरे बस का नहीं उसे नहीं आजमाने का तू जिस योग्य नहीं उस ओर नहीं बढ़ने का वक्त तेरी जाया होगी समय रहते संभल जाने का कितनी बार कहा तुझसे जोश के साथ होश खोना सही है फ…
Copyright (c) 2019 Quote Duniya All Right Reserved
Social Plugin