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अगर‌ बोरियत जीवन को भी खुशनुमाबनाया जा सकता हैं
वर्तमान का संघर्ष ही उज्जवल भावी  का सुचक हैं
संघर्ष एक चुनौती है तुम इससे कब तक..
ख्वाबों खयालात में
ऩिर्णय आपको लेना है कि आप कितने असक्षम है
परिश्रमी लोग बोरियत को
जिंदगी यही तो सीखाती है और हम कितने सुधरते हैं