#20
संघर्ष एक चुनौती है तुम इससे कब तक भागोगेजीवन की अँधेरों तुम चुप कब तक बैठोगेप्रकाश से दूर रहकर तुम किश्मत को कब तक कोसोगेराह दिखाती प्रकाश के किरणों से नजरें कब तक फेरोगेटूटा अंतर्मन तो नाउम्मीद रूपी अँधियारा को कब तक सिंचोगेजीवन के उद्येश्य से तुम पीछे कब तक भागोगे
संघर्ष एक चुनौती है तुम इससे कब तक भागोगे

0 Comments