#2 किसके साथ गुजारे शाम अकेला हुं मैं इस दरमियान कोई हो यहां पर आम छोड़ कर अपने काम धाम गुजारे मेरे साथ ये शाम हम... किसके साथ गुजारे शाम आओ मित्रो साथ करें काम और लगाएं…
#47 जिस दिन हमारा भागना थम गया ना उसी दिन से जिंदगी की रेस में पिछड़ते चले जाएंगे फिर भी हम आगे निकलने की गुंजाइश और थकान कि शिकायत जुबां पर रखते हैं, अर्थात यहां हर कोई महत्वाकांक्षी है परन्तु…
#48 लोग क्या कहेंगे जिस दिन ये विचार हमारे जेहन से निकाल गया ना उसी दिन से हम अपने मन की करने लगेंगे और भीड़ के साथ फॉलोअर्स बनने के बजाय भीड़ से अलग होकर कुछ बड़ा करने लगेंगे
#46 अपनी नाकामी छुपाते क्यों हो दूसरों को जताने में लजाते क्यों हो सवालों के हल में कतराते क्यों हो पता नहीं तुझे हल सवालों का जो तेरे नाकामी ने न पाने दिया कुछ सवाल तो लोगों के लिए भी होते ह…
#45 कितनी बार कहा तुझसे जो तेरे बस का नहीं उसे नहीं आजमाने का तू जिस योग्य नहीं उस ओर नहीं बढ़ने का वक्त तेरी जाया होगी समय रहते संभल जाने का कितनी बार कहा तुझसे जोश के साथ होश खोना सही है फ…
#43 हर लम्हा कुछ खास होता है उसे अहमियत देना तो हमारे ही पास होता है फिर भी हम वक्त से यही शिकायत के बैठते है अच्छे वक़्त की आस लगाए बैठते है कि Apna time aayega अरे क्या हम ये क्यों नहीं समझते …
#44 विजयी धावक कभी finisher line tak पहुंचने से पहले हार नहीं मानता और बुलंद हौसले k saath धीरे धीरे सबसे आगे निकलता चला जाता है
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