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ओ राही तु मेरे बढ़ा कदम।

#12

ओ राही तु मेरे बढ़ा कदम।कर एक बार फिर से जतन।।मंजिल अब तेरी दूर नहीं, भरले हौंसला।।।ओ राही तु मेरे बढ़ा कदम। जीतोगे हीं मत पाल भ्रम़।।संघर्ष को रख अंतिम चरम।।।संग लक्ष्य के तु मेरे बढ़ा कदम।ओ राही तु मेरे बढ़ा कदम।।कर एक बार फिर से जतन।।।भरो विश्वास अपने संग।सब रह जाएंगे देख दंग।।जब मंजिल होगी तेरे संग।।।ओ राही तु मेरे बढ़ा कदम।कर एक बार फिर से जतन।


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