कुछ लोग गलतियों से सीखते हैं
वहीं कुछ उसे देखते हुए साथ साथ आगे बढ़ते चले जाते हैं
बीच चौराहे पर यूं टॉर्च जलाकर राह निहारने से अच्छा है
टॉर्च के लाइट के साथ आगे बढ़ते रहना, समय और ऊर्जा 
दोनों की बचत हो जाएगी
वरना गलतियों का आंकलन, लक्ष्य प्राप्ति के बिना निरर्थक है