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अर्थव्यवस्था क्या है, अर्थव्यवस्था, क्यों जरूरी है, पूरी जानकारी

नमस्कार मित्रों, आज हम बात करने जा रहे हैं, अर्थशास्त्र विषय पर 1. अर्थशास्त्र क्या है 2. अर्थशास्त्र क्यों जरूरी है
मित्रों जैसा कि हम जानते हैं कि प्रत्येक विशयों के परिभाशा के संदर्भ में विभिन्न विद्वानों में मतभेद रहा है। स्वभाविक है कि यह उनके अपने अलग अलग देखने के नजरिए से है। इसलिए आज हम इसके कार्यकारी परिभाषा को आधार मानते हुए इसके परिभाशा के संदर्भ में
1. अर्थशास्त्र उस अवधारणा का अध्ययन है जो बताता है कि समाज किस तरह से दुर्लभ संसाधनों की मदद से मूल्यवान उत्पाद तैयार करता है और उसे विभिन्न लोगों के बीच वितरित करता है। इस परिभाषा के नजरिए से देखें तो दो बातें अहम हैं। कि उत्पाद दुर्लभ हैं और समाज को संसाधनों की दुर्लभता और प्रभावी उपयोग की मांग का अध्ययन करता है।
बात करें इसके जानने के महत्व पर तो कुछ पैसा बनाने के लिए अर्थशास्त्र पढ़ते हैं जिसमें अधिकतर विकसित देशों के छात्र खुद को अमीर बनाने के लिए पढ़ते हैं। गरीबी, बेरोजगारी, मानव संसाधन विकास, शेयर, लाभांश, बैंकिग शब्दावली, मूल्य और उसमें आने चाला बदलाव, ई-काॅमर्स, इत्यादि के बारे में जानने के लिए भी कुछ लोग अर्थशास्त्र पढ़ ते हैं।
2. व्यक्ति, फर्म, सरकार एवं अन्य संस्थाएं समाज में अपने विकल्पों का चयन कैसे करते हैं। इसका अध्ययन भी अर्थशास्त्र कहलाता है। 
निष्कर्षत: अर्थशास्त्र वह विषय है, के तहत यह अध्ययन किया जाता है कि व्यक्ति, समाज और सरकार किस तरह से अपनी प्राथमिकताओं के हिसाब से संसाधनों का इस्तेमाल अपनी आवष्यकताओं के अनुसार करते है। मानव समाज द्वारा चुने गए विकल्प जो समय और स्थान के साथ बदलते रहते हैं के अध्ययन को ही अर्थशास्त्र कहते हैं।
कार्यकारी परिभाषा के सीधे अर्थों में अर्थव्यवस्था मानव समाज की आर्थिकक गतिविधियों का अध्ययन है। ठीक इसी तरह से राजनीतिक गतिविधियों का अध्ययन राजनीतिक विज्ञान है, सामाजिक गतिविधियां यों का अध्ययन सामाजिक विज्ञान है। अब आर्थिक गतिविधियों के अध्ययन के संदर्भ में लाभ, हानि,  आजीविका, पेशा,, मजदूरी, रोजगार इत्यादि आर्थिक गतिविधियों के अंतर्गत आता है।


अर्थशास्त्र से जुड़ी कुछ मुलभुत बातें-

1. इसका मुख्य उद्देश्य पृथ्वी पर मानव जीवन की बेहतरी रही है। कोई देश किन विधियों द्वारा अपनी क्षमताओं का अधिकतम जनसंख्या की खुशहाली के लिए उपयोग करें, अर्थशास्त्र इस दिशा में प्रयासरत रहा है। इस दिशा में अन्यान्यन अवधारणाओं का विकास हुआ। इस दिशा में सबसे पहला सशक्त कदम स्काॅटलैंड के प्रख्यात दार्शनिक अर्थशास्त्री एडम स्मिथ द्वारा किया गया। एडम स्मिउ द वेल्थ आफ नेशन्स के लेखक भी हैं। जो किताब 1776 में प्रकाशित हुआ था।
अर्थव्यवस्था की मुख्य चुनौतीयां-

इसकी मुख्य चुनौती अपनी जनसंख्या को आवश्यकता की वस्तुओं और सेवाओं को उपलब्ध कराना। वस्तुओं की श्रेणी में आवष्यक मदें, जैसे- भोजन, आवास, वस्त्र इत्यादि से लेकर गैर आवष्यक मदें जैसे- रेफ्रीजरेटर, टी वी, कार इत्यादि हो सकती है।

उम्मीद करता हूं उपरोक्त परिभाषाओं के  आधार पर आपको अर्थव्यवस्था के  बारे में काफी कुछ समझे हों, मैं अगली पोस्ट में विस्तृत रूप से अर्थवयवस्थाओं के विभिन्न स्वरूप चुनौतियां इत्यादि। का उल्लेख रोचक ढंग से करके आपके लिए विषय के प्रति एक बेहतर समझ विकसित करने के दृष्टिकोण से प्रकाशित करूंगा।

धन्यवाद

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