'चूप रहना सीखा नहीं जज्बातों से खेलकर तो देखो वक़्त है सहमा सही पीछे अब न मूड कर तो देखोदरिया दिल ए ख्वाब की गोते यूं फिर से लगाकर तो देखोपरिणाम स्वतः मिलनी ही मिलनी है'
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