Featured Posts

header ads

कैद करलो तुम मुझे चारदीवारी में

कैद करलो तुम मुझे चारदीवारी में
फिर भी सत्य की मार्ग और
सौराष्ट्र की भक्ति न मिटा पाओगे
जकड़ लो जंजीरों से
रोम रोम में बसा सैलाब
धधकती ज्वाला को न रोक पाओगे
कैद कर लो तुम मुझे 
फिर भी तेरी कारागार की औकात नहीं
जो किसी सपूत से उसकी मातृ भक्ति छीन सके



 


Post a Comment

0 Comments